Hindi Sad Poetry on Love
Hello Reader!
This is Jayesh Say here with my new Hindi Sad Poetry on Love titled कहां हुए हम अपने इश्क़ में ग़लत?
This poetry is about the feeling from which a lover goes through when his/her gets broken.
समझ नहीं आता उनसे अलग होना हमें इतना तकलीफ़ क्यों देती है
आज भी जब हम होते है अकेले तो उनकी यादें क्यों साथ होती है
बिछड़े जब से उनसे हम, तो खुद को खुद से बिछड़ा पाते हैं
आज भी हम खुद को नशे में, उनके घर के पास खड़ा पाते है
भुलाना है उनको हमें, पर भुलना भी इतना आसान कहां होता है
तूफ़ानों से भरा ये मेरा ज़ख्मी दिल मौन कहां होता है
अब बस शराब ही तो है जो हमें थोड़ा सा सुकूं देता है
आख़िर इश्क़ कहां किसी को खुश रहने का हक़ देता है
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